बैग न्यूज़ कुरुक्षेत्र–

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कांट्रैक्ट अस्सिटेंट प्रोफेसर्स एसोसिएशन (रजि.) के सदस्यों ने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर पिछले एक साल के दौरान समय-समय पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी मांग रखी। जनप्रतिनिधियों ने भी उनकी मांगों का समर्थन भी किया और इस संबंध में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्तालाप कर संबंधित लंबित मांगों को जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास करवाया, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के वार्तालाप को भी दरकिनार कर अनुबंधित शिक्षकों की लंबित पड़ी जायज मांगों के प्रति सदैव ही नकारात्मक रवैया रखा है। ये कहना है कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कांट्रैक्ट अस्सिटेंट प्रोफेसर्स एसोसिएशन (रजि.) के प्रवक्ता डाॅ अभिनव का।

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के सदस्यों ने जिन-जिन जनप्रतिनिधयों के समक्ष अपना मांग पत्र सौंपा उनमें पूर्व शिक्षामंत्री माननीय रामबिलास शर्मा से तीन बार, वर्तमान शिक्षामंत्री माननीय कवंरपाल गुर्जर से छह बार, वर्तमान उपमुख्यमंत्री माननीय दुष्यंत चैटाला से एक बार, माननीय सांसद कुरुक्षेत्र, नायब सिंह सैनी से तीन बार, पूर्व विधायक लाडवा, डाॅ पवन कुमार सैनी से एक बार मुलाकात हो चुकी है। सभी जनप्रतिनिधियों ने कहा था कि आपकी मांगों को प्रमुखता से माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जायेगा। अनुबंधित शिक्षक माननीय विधायक थानेसर, सुभाष सुधा से भी 10 से ज्यादा बार मिल चुके हैं।
डॉ अभिनव का कहना है कि जनप्रतिनिधियों ने अपनी जनसेवा की भावना को पूरी तरह से निभाया, लेकिन कुवि प्रशासन इस मामले को ना जाने क्यों, दरकिनार करती ही आ रही है ? जिससे दिनोदिन कोविड-19 की वैश्विक महामारी के हालातों में सामान्य नागरिकों की उम्मीदों पर असर पड़ना लाजमी है। हम माननीय प्रधानसेवक नरेद्र दामोदर दास मोदी के पावन जन्मदिवस के उपलक्ष्य में माननीय समस्त जनप्रतिनिधियों से अपील करते है कि वे इस संबंध में पहले से ज्यादा संझान लें।
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उन्होंने कहा कि अनुबंधित शिक्षक वर्तमान कार्यवाहक कुलपति डाॅ नीता खन्ना से उनके कार्यकाल के दौरान समान काम समान वेतन की जायज मांग को लेकर 6 से अधिक बार मिल चुके हैं। वही कार्यवाहक कुलसचिव डाॅ भगवान सिंह चैधरी से उक्त बार मिल चुके हैं लेकिन आश्वासनों के सिवाय कुछ भी प्राप्त नहीं कर पाये।
प्रदेश के सभी 14 विश्वविद्यालयों में ‘समान वेतन समान कार्य’ के लाभ को लेकर जो पिछले दो वर्ष पहले जो मुहिम आरंभ हुई थी उसमें प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित एवं गौरवशाली कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय दौड़ में अंतिम पायदान पर है क्योंकि इसके अलावा सभी विश्वविद्यालयों में यह लागू हो चुका है। यहां तक की माननीय शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार की तरफ से उच्चतर शिक्षा विभाग तरफ से उक्त संस्थानों में अनुबंध आधार पर कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए सेवा सुरक्षा (जाॅब सिक्योरिटी) जिसका नंबर (दिनांक 23 जून 2020, मेमो नंबर-18/91-2020 UNP(4) ) का पत्र भी आ चुका है। इस पत्र के माध्यम विश्वविद्यालयों को अपने स्तर पर पंद्रह दिनों में कार्यवाही करके रिपोर्ट देने को कहा गया था, जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अन्य विश्वविद्यालयों से पिछड़ गया है।
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