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आने वाले समय में आपकी ट्रेन यात्रा महंगी हो सकती है. अगर आप भीड़-भाड़ वाले स्टेशनों से ट्रेन पकड़ते हैं तो. ऐसा इसलिए, क्योंकि रेलवे भीड़-भाड़ वाले स्टेशनों पर यात्रियों से ‘यूजर फी’ वसूलने की तैयारी पूरी कर चुका है. यूजर चार्ज टिकट की कीमत में ही शामिल किया जाएगा, जैसा कि एयर टिकट में लिया जाता है. हालांकि रेलवे का कहना है कि यह बेहद मामूली होगा. रेलवे इन पैसे को स्टेशनों के विकास और उन्हें आधुनिक बनाने पर खर्च करेगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा-
‘हम यूजर चार्ज के रूप में बहुत छोटी रकम वसूलने जा रहे हैं. हम उन स्टेशनों पर यूजर चार्ज वसूलने का एक नोटिफिकेशन जारी करेंगे, जिन्हें रीडिवेलप किया जा रहा है या जिन्हें रीडिवेलप कर दिया गया है. जब स्टेशनों का पुनर्विकास पूरा हो जाएगा, तो इस पैसे का इस्तेमाल रेलवे की सुविधा बढ़ाने में किया जाएगा. एयरपोर्ट की तरह हम रेलवे स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास सुविधा देना चाहते हैं. हम अपने सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड करना चाहते हैं.
सारे स्टेशनों पर यूजर चार्ज नहीं
उन्होंने कहा कि यूजर चार्ज इतना कम होगा कि यात्रियों को परेशानी नहीं होगी. इस सवाल के जवाब में कि क्या हर रेलवे स्टेशन पर यूजर फी वसूला जाएगा, यादव ने कहा कि सात हजार रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें 10 से 15 प्रतिशत स्टेशनों पर ही यूजर फी लिया जाएगा. 700 से 750 रेलवे स्टेशन ऐसे होंगे, जहां अगले पांच साल में भीड़-भाड़ बढ़ने का अनुमान है.
वहीं नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि पीपीपी मॉडल के तहत इन स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा. अमिताभ कांत ने कहा कि नई दिल्ली और मुम्बई रेलवे स्टेशन का पूरी तरह से कायाकल्प हो जाएगा. जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी विकास की कहानी रेलवे के बुनियादी ढांचे से प्रेरित है. आने वाले समय में देश की जीडीपी में 1.5 से 2 फीसदी का योगदान रेलवे कर सकता है.
खबरों की मानें, तो अमिताभ कांत ने अपने बयान में कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा है. निजी कंपनियां कुछ साल के लिए ट्रेन चलाएंगी. उन्होंने कहा कि देश में आधुनिकता की जरूरत है, साथ ही इससे कंपिटीशन भी बढ़ेगा.
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