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अमेरिका की मैगज़ीन है ‘TIME’. इसने 2020 के 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी की है. हालांकि ये लिस्ट हर साल आती है. कई भारतीयों के नाम भी इसमें शामिल होते रहे हैं. इस बार भी हैं. अबकी कौन-कौन से नाम हैं, एक-एक करके जानिए.

1. नरेंद्र मोदी
कौन हैं
भारत के प्रधानमंत्री हैं. दो बार भारी मतों से लोकसभा चुनाव जीते हैं. वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद हैं.

“लोकतंत्र के लिए सिर्फ चुनाव नहीं हैं. चुनाव तो बस यही बताते हैं कि किसे सबसे ज्यादा वोट मिले. उससे जरूरी तो उन लोगों के अधिकारों के बारे में है, जिन्होंने जीते हुए नेता को वोट नहीं किया. पिछले सात दशकों से भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. यहां ईसाई, मुसलमान, सिख, बौद्ध, जैन और दूसरे धर्मों समेत 1.3 अरब की आबादी रहती है. दलाई लामा, जिन्होंने यहां अपना आधा से ज्यादा जीवन एक शरणार्थी के तौर पर गुज़ार दिया, वो सद्भाव और स्थिरता के उदाहरण के रूप में सराहना करते हैं.
नरेंद्र मोदी ने सबको तो संदेह में डाल दिया. हालांकि भारत के 80 फीसदी प्रधानमंत्री हिंदू आबादी से आए. लेकिन मोदी अकेले हैं, जिन्होंने ऐसे सरकार चलाई, जैसे कि उन्हें किसी और की परवाह ही नहीं. पहले सशक्तिकरण के लोक-लुभावन वादे के सहारे उनकी हिन्दू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी चुनी गई, फिर भारत के मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए न सिर्फ एलीटिज्म को ठुकराया, बल्कि अनेकवाद को भी ठुकराया. महामारी के बहाने असहमतियों का दम घोंट दिया गया. और दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र और गहरे अंधकार में डूब गया है.”
2. रवीन्द्र गुप्ता
कौन हैं
कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेरैप्टिक इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर हैं.
HIV से ठीक हुए लंदन के मरीज ने लिखा-

“प्रोफेसर रवींद्र गुप्ता की HIV स्टडी के चलते ठीक हुआ. पहली बार जब मैं मिला, तो आश्चर्य हुआ. पर वो अच्छे इंसान हैं. उन्होंने मेरा स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया. मुझे HIV से ठीक किया. वो दुनिया के तमाम HIV संक्रमित लोगों के लिए एक आशा की किरण बनकर सामने आए. उनके इस काम को पहचान देने के लिए पिछले साल कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने उन्हें कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेरैप्टिक इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया.”
3. बिल्किस
कौन हैं
CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग के आंदोलन का चेहरा.
भारतीय पत्रकार राणा अयूब ने लिखा है-

“बिल्किस सैकड़ों महिलाओं के साथ शाहीन बाग में CAA के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं. इस दौरान उनके एक हाथ में प्लेकार्ड और दूसरे हाथ में तिरंगा होता था. 82 साल की ये महिला सुबह 8 बजे से आधी रात तक कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन स्थल पर बैठतीं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करतीं. ये उन छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए भी ताकत बनीं, जिन्हें विरोध के चलते जेल में डाला जा रहा था. बिल्किस कहती थीं कि वो तब तक बैठी रहेंगी, जब तक उनकी रगों में खून दौड़ रहा है, जिससे देश के बच्चे और दुनिया समानता और न्याय की हवा में सांस ले सकें.”
4. आयुष्मान खुराना
कौन हैं
बॉलीवुड एक्टर हैं. फिल्म “अंधाधुन” के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है.

फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण लिखती हैं-“मैं आयुष्मान खुराना को उनकी पहली फ़िल्म ‘विकी डोनर’ से जानती हूं. बेशक इससे पहले भी वो अलग-अलग तरह से बॉलीवुड का हिस्सा रहे, लेकिन आज हम और आप उनके बारे में बात कर रहे हैं, तो उसकी वजह हैं वो यादगार फिल्में और उनके दमदार किरदार. जहां अधिकतर पुरुष अभिनेता ताकत और मर्दानगी की घिसी-पिटी भूमिकाओं में फंसे रहे, वहीं आयुष्मान ने इस धारणा को तोड़ते हुए कई चुनौतीपूर्ण किरदार निभाए. वो भी कामयाबी के साथ.”
सुंदर पिचाई
कौन हैं

गूगल के CEO. सुंदर पिचाई ने आईआईटी, खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका गए. वहां स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली. बाद में उन्होंने व्हार्टन स्कूल से एमबीए भी किया. 2004 में वे गूगल से जुड़े थे. साल 2015 में वे गूगल के सीईओ बने थे. और अब अल्फाबेट के सीईओ हैं.
- कमला हैरिस
कौन हैं

अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. कमला हैरिस ने वकालत की पढ़ाई की है. उनकी पहली बड़ी नियुक्ति हुई 2004 में. इस बरस वो सैन फ्रैंसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनाई गईं. फिर 2011 से 2017 तक वो कैलिफॉर्निया की अटॉर्नी जनरल रहीं. 2016 में वो अमेरिकी संसद के लिए चुनी गईं. कमला भारतीय मूल की पहली महिला हैं, जिन्हें इतने बड़े ओहदे के लिए नामांकित किया गया है.