बैग न्यूज़ – चरखी दादरी
बर्खास्त पीटीआई सहित अन्य ट्रेन यूनियनों को डिप्टी सीएम के कार्यक्रम का घेराव व काले झंडे दिखाने से रोकने के लिए बैरिकेड हटाने पर बर्खास्त कर्मचारियों व पुलिस के बीच झड़प हो गई। इसके बाद भी बर्खास्त पीटीआई नहीं रूके और जबरन बैरिगेट लांघ कर आगे बढ़ गए। यह देखते हुए पुलिस प्रशासन ने आंसु गैस के गोले फेंक दिए। जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में समस्या हुई तो गुस्साए बर्खास्त कर्मचारी इधर भागने शुरू हो गए।

इसका फायदा उठाते हुए पुलिस ने सड़क पर कब्जा कर लिया। ऐसे में कर्मचारियों ने आराम से बैठकर धरना शुरू कर दिया लेकिन डिप्टी सीएम नहीं पहुंचे तो 5 बजे धरना समाप्त कर बर्खास्त कर्मचारी भी अपने घर लौट गए। जिनके जाने के 30 मिनट बाद डिप्टी सीएम पीडब्लूडी रेस्ट हाउस पर पहुंचे व समस्याएं सुनी।
5 बर्खास्त पीटीआई व 12 पुलिस कर्मचारी घायल
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आयोजन स्थल पर पहुंचने के लिए पुलिस के साथ हुई झड़प में अलग अलग जिलों से आए करीब 5 बर्खास्त पीटीआई घायल हो गए। इनमें भिवानी के सांगा गांव निवासी विनोद कुमार, महेंद्रगढ़ निवासी आशिष, गुरुग्राम निवासी बनीता यादव, सोनीपत निवासी पूनम और रोहतक निवासी ललीता घायल हुए। वहीं बर्खास्त पीटीआई को समर्थन देने आई एक आशा वर्कर बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। दूसरी तरफ एक महिला कर्मचारी सहित करीब 12 पुलिस कर्मचारियों को हलकी चोटें लगी।
बहाली की मांग के लिए पहले शांति से शहर में प्रदर्शन फिर धक्का-मुक्की करके तीन बैरिकेड तोड़ लांघी सीमा
बर्खास्त पीटीआई को बहाल करने की मांग को लेकर एकत्रित हुए अन्य ट्रेन यूनियनों के सदस्यों ने तिकोना पार्क पर बैठकर अपने अपने विचार रखे। इसके बाद सभी दोपहर करीब 12 बजे तिकाेना पार्क से उठकर शहर में प्रदर्शन करने के लिए निकल पड़े। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मचारी भी उनके आगे पीछे चल रहे थे। इस दौरान जैसे ही सभी कर्मचारी किला ग्राउंड के सामने पहुंचे। उन्हें रोहतक चौक की तरफ जाने से रोकने के लिए बैरिगेट लगाए हुए थे। अचानक कर्मचारियों ने धक्का मुक्की कर बैरिगेट गिराने शुरू कर दिए और सभी वहां से रोहतक चौकी की तरफ भाग गए। वहीं रोहतक चौक पर भी बैरिगेट लगे थे लेकिन उन्हें भी गिराने में कर्मचारी कामयाब हो गए। ऐसे में पुलिस अपनी गाड़ियों में बैठकर सदर थाना सामने पहुंच गई और लाइन में खड़े हो गए। मगर वहां भी बर्खास्त कर्मचारियों ने पुलिस को धक्के मारे और वहां से पीडब्लूडी रेस्ट हाउस के लिए निकल पड़े। रेस्ट हाउस की सड़क पर एसपी ने पहले ही नाका लगवा दिया था। लेकिन वहां भी कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होने के कारण नहीं रूक पाए। इसलिए कर्मचारियों को डिप्टी सीएम के कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसु गैस के गोले फेंकने पड़े।
एक किलोमीटर की बाधा दौड़ पार करके पीडब्लूडी रेस्ट हाउस के नजदीक पहुंचे बर्खास्त पीटीआई कर्मचारी
बर्खास्त कर्मियों ने शांति के साथ शहर में प्रदर्शन किया था। वहीं किला ग्राउंड से लेकर पीडब्लूडी रेस्ट हाउस की सड़क तक करीब एक किलो मीटर दूर तक तेज दौड़ लगाई। यह दौड़ सामान्य नहीं थी क्योंकि इसमें बार बार पुलिस कर्मचारी बाधा डाल रहे थे। लेकिन कर्मचारी एकता जिंदाबाद के नारे के साथ कर्मचारी तेज भागते रहे और तीन बैरिकेड व पुलिस नाके पार करते हुए पीडब्लूडी रेस्ट हाउस वाली सड़क पर पहुंच गए। अगर पुलिस प्रशासन समय पर आंसु गैस के गोले नहीं छोड़ती तो आखिरी बाधा भी पार कर डिप्टी सीएम के कार्यक्रम स्थल पर भी पहुंच जाते।
कर्मचारियों पर पुलिस ने किया बल प्रयोग : कमलेश
महिला कर्मचारी व आशा वर्कर कमलेश देवी ने कहा कि वह बर्खास्त पीटीआई की बहाली की मांग को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मिलना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन रोक लिया। जब कर्मचारी मिलने की जिद पर अड़े रहे तो उन पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस कारण कई बर्खास्त पीटीआई घायल भी हो गए हैं। इतना ही नहीं बर्खास्त कर्मचारियों पर पुलिस ने आंसु गैस के गोले भी फेंक दिए जिससे एक आशा वर्कर तो सांस नहीं ले पाने के कारण बेहोश होकर गिर गई।
पुलिस कर्मचारी भी घायल : एसपी
पुलिस ने डिप्टी सीएम के कार्यक्रम स्थल पर काले झंडे दिखाने के लिए आए बर्खास्त कर्मचारियों को रोकने के लिए बैरिगेट व पुलिस नाके लगाए हुए थे। हमने सिर्फ कर्मचारियों को बैरिगेट पर रोका था और नहीं रूकने पर आंसु गैस के गोले फेंके गए थे। पुलिस द्वारा रोकने पर ही बर्खास्त कर्मचारी घायल हुए होंगे। इस दौरान कुछ पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए हैं। -विनोद कुमार, एसपी।
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