बैग न्यूज़ कैथल

पिछले दिनों से सरकार व राइस मिलर्स के बीच चल रही जद्दोजहद के बाद छठे दिन शुक्रवार को कैथल की अनाजमंडी में पीआर धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई। खरीद के लिए आढ़तियों को मनाने के लिए प्रशासन ने एक तरह से घुटने भी टेक दिए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। दो दिन से एसडीएम संजय कुमार मंडी में डेरा डाले हुए हैं।
शुक्रवार को सुबह साढ़े 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक एसडीएम आढ़ती प्रधान के प्रतिष्ठान पर बैठे रहे, लेकिन इसके बावजूद भी धान का एक दाना भी नहीं खरीदा गया। धान से मंडी अट गई है और बाहर की सड़कों पर भी ढेरियां ही ढेरियां दिखाई देने लगी हैं। वहीं एसडीएम ने दावा किया है कि शाम पांच बजे के बाद खरीद शुरू करा दी है। जबकि किसानों का कहना है उनका एक भी दाना नहीं खरीदा गया। वहीं राजौंद समेत कई मंडियों में धान की खरीद की गई।
जिला की मंडियों में अब तक करीब दो लाख क्विंटल पीआर धान की आवक हो चुकी है, लेकिन खरीद कुछ मंडियों में ही नाममात्र की हो पाई है। कैथल की प्रसिद्ध अनाजमंडी में एक भी दाना नहीं बिका है। ऐसे में किसानों ने सुबह ही मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर रोष जताया। किसान धर्मदेव, हरदीप सिंह, सुखबीर, राजकमल व रामधारी ने बताया कि वे पिछले एक सप्ताह से मंडी में अपनी फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं, लेकिन खरीद नहीं हो पाई।
सरकार अब धान खरीद के नए आदेश जारी कर रही
मंडियों में धान खरीद को लेकर सरकार नए नए निर्देश जारी कर रही है। शुक्रवार को एसीएस पीके दास ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कहा कि मंडियों में किसानों की धान खरीद हरहाल में की जाए। अगर धान में नमी की मात्रा निर्धारित 17 प्रतिशत से अधिक है तो 19 प्रतिशत वाली धान का रेट कम न करें, बल्कि प्रति क्विंटल की जगह 102 किलोग्राम तोलें। निर्धारित नमी वाली धान खरीद में किसी भी प्रकार की आनाकानी न की जाए, उसे तुरंत खरीदा जाए।