Bag news – Kaithal

कॉलेजों में दाखिले के लिए पहली कट ऑफ लिस्ट में नाम आने वाले विद्यार्थी मंगलवार छह अक्टूबर तक दाखिला फीस ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं। पहली कट ऑफ में नाम आने के बाद भी विद्यार्थी ने दाखिला नहीं लिया तो उसका नाम दूसरी कट ऑफ लिस्ट में किसी कॉलेज में नहीं आएगा। ऐसे विद्यार्थी पर सीटें खाली रहने पर 13 अक्टूबर के बाद ओपन मेरिट लिस्ट के समय विचार किया जाएगा।
उच्चतर शिक्षा विभाग के इस नियम ने विद्यार्थियों को परेशानी में डाल दिया है। क्योंकि पहली लिस्ट में पसंद के कॉलेज में नाम नहीं आया तो दूसरी लिस्ट में कोई मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में दूसरी कट ऑफ में ही अच्छे कॉलेजों में सभी सीटों पर दाखिले हो गए तो विद्यार्थी को मुश्किल हो सकती है।
उच्चतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर दाखिले के लिए आवेदन करते समय विद्यार्थियों को कॉलेज चुनने की छूट दी गई थी। विद्यार्थियों द्वारा चुने गए कॉलेज अनुसार ही मेरिट लिस्ट में नाम आना था। उदाहरण के तौर पर किसी के विद्यार्थी 95 प्रतिशत अंक है और उसने पहले नंबर पर कॉलेज बी दूसरे पर कॉलेज ए को चुना है। दोनों ही कॉलेजों में 95 प्रतिशत वाले विद्यार्थी के दाखिले हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में विद्यार्थी का नाम पहले नंबर पर चुने गए कॉलेज की कट ऑफ में आएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार पहली मेरिट लिस्ट के विद्यार्थियों को दूसरी मेरिट लिस्ट में मौका नहीं मिलना गलत है। अगर काउंसलिंग ऑफलाइन होती तो विद्यार्थी को प्रत्येक कॉलेज की मेरिट लिस्ट में तब तक मौका मिलता, जब तक सीटें भरने तक उसका नाम उस कॉलेज की मेरिट में नहीं आ जाता। विभाग की ऑनलाइन मेरिट में विद्यार्थियों का ये अधिकारी छीन गया है। पहली लिस्ट में नाम आने के बाद वे दूसरी लिस्ट में शामिल नहीं हो सकेंगे।
उच्चतर शिक्षा विभाग के नए नियम से विद्यार्थी परेशान
छात्र बजरंग ने बताया कि वह आरकेएसडी कॉलेज सुबह के सत्र में बीए में दाखिला लेना चाहता है। उसने आरकेएसडी कॉलेज के सुबह व सायंकालीन सत्र समेत पांच कॉलेजों को चुना था। पहली लिस्ट में आरकेएसडी कॉलेज की सायंकालीन सत्र की कट ऑफ में नाम आया है, लेकिन वह सुबह के सत्र में दाखिला लेने का इच्छुक है। अब उलझन में है कि दाखिला लें या नहीं लें। कहीं ऐसा न हो कि ओपन मेरिट लिस्ट तक सुबह के सत्र की सभी सीटों पर दाखिले हो जाएं।
छात्र संदीप ने बताया कि वह यूनिवर्सिटी में बी.कॉम में दाखिला लेना चाहता है। पहली लिस्ट में उसका नाम कैथल के एक कॉलेज में आया है। अब दिक्कत ये है कि पहली लिस्ट में दाखिला नहीं लिया और ओपन काउंसलिंग तक यूनिवर्सिटी व कैथल कॉलेज की सीटें भर गई तो वह क्या करेगा। विभाग को इस बारे में सोचना चाहिए था।
छात्रा प्रियंका ने बताया कि वह कन्या कॉलेज में बीएससी नॉन मेडिकल में दाखिला लेना चाहती है। उसने आवेदन करते समय च्वाइस में पहले को-एजुकेशन व दूसरे नंबर पर महिला कॉलेज को चुना था। अच्छे अंक होने की वजह से पहली मेरिट लिस्ट में ही उसका नाम को-एजुकेशन में आ गया। अब फीस जमा करवा दी तो पसंद की कॉलेज में दाखिला नहीं ले सकेगी और फीस नहीं जमा करवाई तो दूसरी लिस्ट में नाम नहीं आएगा। ओपन काउंसलिंग तक अच्छे कॉलेजों में बीएससी की सभी सीटों पर दाखिले हो गए तो मुश्किल हो जाएगी।