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हांसी से करीब 17 किलोमीटर दूर महजद-भाटला रोड पर मंगलवार रात 11.30 बजे 10.90 लाख लूटने के बाद कारोबारी को कार में जिंदा जलाने की खौफनाक वारदात कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई। ऐसा लग रहा है कि वारदात से पहले कारोबारी की रेकी की गई। क्या कारोबारी की हर मूवमेंट से बदमाश वाकिफ थे, बैंक से कब और कितने पैसे निकाले, शायद इसकी भी जानकारी बदमाशों के पास थी।
वह कब और किस रास्ते से घर के लिए निकलेगा, इसकी खबर बदमाशों को मिल रही थी। यही वजह थी कि वारदात के लिए बदमाशों ने रास्ते पर वह स्थान चुना जहां अंधेरा ही नहीं एकदम सुनसान था। पैसा लूटना ही बदमाशों का मकसद था तो कारोबारी को इतने खौफनाक तरीके से क्यों मारा?
हालांकि इस वारदात की जांंच में जुटी पुलिस की चार टीमों में सदर पुलिस, सीआईए, भाटला पुलिस चौकी और साइबर सेल इन सवालों के जबाव तलाश रही है। पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में कई बातें निकलकर सामने आई हैं। वहीं हांसी के एसपी लोकेंद्र सिंह कहते हैं कि कारोबारी को जिंदा जलाने की घटना गंभीर है। पुलिस की टीमें लगाई हैं, हर एंगल से छानबीन में जुटी है। कारोबारी ने गंगन खेड़ी वासी भांजा विकास के खाता से साथ जाकर दोपहर करीब 12 बजे 9 लाख 90 हजार रुपए एक्सिस बैंक से निकाले। इसी तरह एक अन्य रिश्तेदार ने भी बैंक से 1 लाख रुपए निकलवाकर दिए थे।
न वक्त ने साथ दिया और ना रास्तों ने
कारोबारी राममेहर ने सामने मौत का खौफ देख चलती गाड़ी में ही अपने भांजे को जान बचाने के लिए फोन पर गुहार लगाते हुए बोला, बचा लो, भाटला-महजद के बीच में हूं, जल्दी आओ, दो मोटर साइकिल, एक गाड़ी पर बंदे हैं, तेरे मामा को मार दिया, पैसे छीन रहे हैं। मारेंगे। गुहार के बाद परिवार के लोग बचाव के निकले, लेकिन रास्ता भटक गए और देरी से पहुंचे। उससे पहले 100 नंबर पर मिली सूचना के बाद पुलिस पहुंच चुकी थी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। जलती हुई कार में बॉडी अधजले कंकाल में तब्दील हो चुकी थी।

भतीजे के बयान पर दर्ज हुआ केस
पुलिस को दी शिकायत में डाटा वासी अमित ने बताया कि उनके पास रात सवा 11 बजे राममेहर के बेटे आशीष का फोन आया। फोन पर आशीष ने बताया कि पिता का उनके पास फोन आया है, उनकी कार के पीछे 2 बाइक व 1 कार वाले लगे हैं और पैसे छीनने की कोशिश कर रहे हैं। जिस पर उन्होंने राममेहर के पास फोन किया तो वह हड़बड़ाहट में बोले कि जल्दी भाटला-महजद रोड पर पहुंचो। भाटला से महजद रोड पर उन्हें घेर रखा है। जिस पर वह व उनका भाई और अन्य व्यक्ति गाड़ी में बैठकर पहले जग्गाबाड़ा से महजद रोड गए। उसके बाद महजद भाटला रोड गए। वहां पर पहुंचे तो राममेहर की इंडिगो गाड़ी में आग लगी हुई थी। गाड़ी काफी जल चुकी थी और अंदर राममेहर भी बुरी तरह से जल चुका था। उनका कंकाल गाड़ी की आगे वाली बाईं सीट पर जला मिला। राममेहर के चाचा पूर्व सरपंच जयबीर ने बताया कि पुलिस उनसे पहले मौके पर पहुंच गई थी।
परिजनों से पहले वारदात स्थल पर पहुंची थी पुलिस
कारोबार की सूचना के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचित किया और घटनास्थल की निकल पड़े। लेकिन रास्ता भटक गए। उससे पहले पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी लेकिन तब तक गाड़ी जल चुकी थी। उसमें से कुछ लपटें निकल रही थी। गाड़ी के अंदर शव अधजला कंकाल बन चुका था। सिर्फ खोपड़ी दिख रही थी। सूचना पर फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंची। लेकिन तब तक कुछ नहीं बचा।
रात को होता है सुनसान रोड
वारदात स्थल हांसी से 17 किलोमीटर दूर है। भाटला से महजद तक का रोड सुनसान रहता है। भाटला से डाटा रोड लिंक रोड है। 14 किलोमीटर लंबा रोड रात के समय सुनसान रहता है। इस रोड पर महजद व मसूदपुर जैसे गांव पड़ते हैं। जानकारों ने बताया कि यहां खेतों में एक सप्ताह दिन के समय व एक सप्ताह रात के समय बिजली रहती है। बिजली आने के समय पर किसानों का आना ज्यादा इस रोड पर लगा रहता है। अभी यहां दिन में बिजली का समय चल रहा था। जिसके चलते घटना के समय रात को कोई नहीं था।
किसान से बने थे कारोबारी
राममेहर अपने पांच बहनों के इकलौते भाई थे। वह सबसे छोटे थे। वह पहले बरवाला बाइपास पर शहनाई पैलेस के समीप डिस्पोजल की फैक्ट्री चलाते थे। एक-डेढ़ वर्ष पहले डिस्पोजल की फैक्ट्री बंद कर दी थी। उसके बाद इसी रोड पर झंडे वाला मंदिर के समीप डिस्पोजल के रॉ मैटिरियल की फैक्ट्री लगाई। डिमांड के हिसाब से यहां पर माल तैयार किया जाता था। हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में माल की सप्लाई जाती थी। साथ खेतीबाड़ी भी करते थे। 15 एकड़ जमीन है।