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सरकार ने यदि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो 3 नवंबर को देशभर में किसानों द्वारा चक्का जाम किया जाएगा। ये निर्णय बृहस्पतिवार को देर सायं कांबोज धर्मशाला में आयोजित हुई किसान संगठनों की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने की। बैठक में तीनों कानूनों के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से किसान संगठनों के प्रतिनिधि एकजुट हुए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि बैठक में सभी किसान संगठनों ने मिलकर निर्णय लिया है कि तीनों कानूनों के विरोध में 3 नवंबर को देशभर मेें चक्का जाम किया जाएगा। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि ये तीनों कानून देश की गुलामी के वारंट हैं। इतना ही नहीं ये कानून खेती के भी डेथ वारंट हैं। उन्होंने दावा किया कि इन कानूनों के लागू होने से मंडियां 100 प्रतिशत समाप्त होंगी। इन कानूनों के आने से एमएसपी भी 100 प्रतिशत समाप्त हो जाएगा। इन कानूनों से देश में चंद लोग पूरे देश के आटा, दाल, खाद्य तेल, आलू, प्याज स्टॉक करेंगे। छोटे व्यापारी खत्म होंगे, आढ़ती खत्म होंगे, खेती तबाह होगी। चढ़ूनी ने कहा कि गुजरात के किसानों ने कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग से आलू बोया था, सारा आलू तो कंपनी को दे दिया लेकिन अगले साल के लिए केवल बीज रख लिया तो उन पर चार करोड़ का मुकदमा दर्ज किया गया। बैठक में पंजाब से रमनदीप मान, दिवान सिंह, होशियार सिंह, किसान सैल प्रधान सिरसा गुरदास सिंह, जसबीर सिंह भाटी सिरसा, राजकुमार महासचिव, किसान जागृति संगठन, सुरेंद्र सिंह, अशोक दनौदा, मध्यप्रदेश से राजकुमार, भाकियू के युवा प्रधान अमरीक सिंह ढांसा, अखिल भारतीय किसान के राज्य अध्यक्ष गुरभजन सिंह, संदीप गिडे पूणे, उत्तर प्रदेश से किसान अधिकार आंदोलन के संयोजक नरेंद्र राणा आदि मौजूद रहे।
किसानों को उजाड़ने का काम कर रही सरकार : किसान सभा
नरवाना(अस) :अखिल भारतीय किसान सभा तथा भारतीय किसान यूनियन का गढ़ी अनाज मंडी में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना बृहस्पतिवार को 8वें दिन भी जारी रहा। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के नेता मास्टर बलबीर सिंह ने केंद्र सरकार से कृषि के लिए लाये गये तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों की बिक्री नहीं हो रही है। कृषि कानूनों को लागू कर सरकार किसानों को उजाडऩे का काम कर रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा मंडियों को खत्म करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की जिम्मेदारी से पीछे हटने की है। इस अवसर पर मास्टर रामदिया, सरदार नाहर सिंह, जसवीर सिंह, खजान सिंह, बलराज सिंह, रूलदू सिंह , ज्ञान सिंह, जसदीप सिंह, पूर्ण सिंह, जसपाल सिंह सहित कई किसान मौजूद रहे।
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