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हांसी के पास कारोबारी को जिंदा जलाकर 10.90 लाख रुपए लूटने के मामले में शुक्रवार को चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कारोबारी राममेहर जागलान वारदात के 65 घंटे बाद 1300 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जिंदा मिला। पुलिस टीम उसे गिरफ्तार कर हांसी ला रही है। कारोबारी की कॉल डिटेल की जांच में पुलिस को उसकी एक महिला मित्र का पता चला। उसी से पूछताछ के बाद पुलिस कारोबारी को ट्रेस करने में कामयाब हुई। जांच में सामने आया कि डाटा गांव निवासी डिस्पोजल फैक्ट्री संचालक राममेहर ने कुछ समय पहले 1.60 करोड़ की दो बीमा पॉलिसी करवाई थीं।
हिसार रेंज के आईजी संजय कुमार के अनुसार बीमा की रकम हड़पने और कर्जदारों से छुटकारा पाने के लिए राममेहर ने यह नाटक रचा। पुलिस जांच कर रही है कि कार में जला मिला शख्स कौन था। चर्चा है कि लूट और हत्या का ड्रामा रचने के लिए कारोबारी ने रोहतक से करीब डेढ़ लाख रुपए में कोरोना मरीज का शव खरीदा था। इसे ड्राइवर की बगल वाली सीट पर रखकर कार में केमिकल छिड़क आग लगा दी।
हालांकि, शव खरीदने के दावे की अभी पुलिस ने पुष्टि नहीं की है। आईजी के अनुसार इस तरह की चर्चा उनके सामने भी आई है लेकिन सच्चाई राममेहर से पूछताछ के बाद ही सामने आएगी। यह भी आशंका है कि राममेहर ने किसी की हत्या के बाद शव जलाया हो। बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल के अनुसार व्यापारी का एक पुराना मजदूर यहां रहता है। जिसे व्यापारी ने बताया था कि वह बिलासपुर में जमीन खरीदने आया है।
हमने तो पहले बेरा कोनी था कि इस तरह भी हो सके है : सुंदर
म्हारा तो उसने नास मार दिया। बेरा नी किसके ऊपर चूड़ी फुड़वा दी। म्हारे खातिर तो राममेहर मर गया था, म्हारी तो उसके मरने में ही संतुष्टि थी। हम तो मरा ही समझांगे। हमने तो दाग कर दिया, अस्थियां गढ़ गंगा पहुंचा आए। म्हारे तो मर लिया। रो-रो कर छिक लिए। जिसने भी बेरा लागा सारे अफसोस मनाण आए, कहन लागे की इतना बड़ा हादसा हो गया। गांव में चूल्हा कोनी जला। 4 दिन से सबकी हालत खराब हो राखी है। बच्चे कुछ खान पी नहीं लग रहे। ईब बेरा लाग्या है, के वो जिंदा है। म्हारे खातिर तो मरा ही ठीक था। हमने तो पहले बेरा कोनी था कि इस तरह भी हो सके है।-जैसा कि राममेहर के चाचा व पूर्व सरपंच जगबीर के भाई सुंदर ने दैनिक भास्कर से कहा।
बदल गया घर व गांव का माहौल
राममेहर के जिंदा होने की सूचना पर गांव व परिवार में माहौल फिर से बदल गया। अब लोग उनके परिजनों को फोन कर रहे हैं। परिजनों के फोन लगातार व्यस्त चल रहे हैं।
सीन ऑफ क्राइम एक्सपर्ट ने पहली नजर में ही बता दिया था ड्रामा ज्यादा है
सीन ऑफ क्राइम के सहायक निदेशक डॉ. अजय के नेतृत्व में वारदात स्थल की जांच हुई थी। सीन रीक्रिएट करते हुए डॉ. अजय ने हांसी पुलिस को पहले ही बता दिया था कि कहानी में ड्रामा ज्यादा लग रहा है। वारदात स्थल पर गाड़ी की हैंड ब्रेक लगी मिली थी। यह तभी संभव है जब कोई गाड़ी को पार्क करेगा। जहां गाड़ी जली मिली थी वह सड़क के बीच में होने की बजाय किनारे खड़ी थी। आसपास किसी अन्य कार व बाइक के टायर के निशान नहीं मिले थे। अगर किसी को अपने साथ अनहोनी का खतरा है तो वह गाड़ी को सड़क किनारे खड़ा नहीं करेगा और हैंड ब्रेक तो बिल्कुल नहीं लगाएगा।
परिचालक सीट पीछे की ओर झुकी हुई थी जिस पर जला शव मिला था। इससे प्रतीत हो गया था कि साजिश कहीं और रची गई थी लेकिन अंजाम कहीं और दिया गया था। यह भी अंदेशा जताया था कि अमूमन इस तरह के जघन्य अपराध में अवैध संबंध, इंश्योरेंस राशि क्लेम या अन्य किसी निजी स्वार्थ के लिए खुद को मरा साबित करने के लिए भी मास्टर प्लान बनाया जा सकता है। कार को अंदर व बाहर से एक साथ कैमिकल डालकर जलाया गया था। न कि कार में आग फैली थी। ये तमाम परिस्थितिजनक साक्ष्य बयां कर रहे थे कि जो दिख रहा है वह असल में कुछ और है। हांसी पुलिस ने सीन ऑफ क्राइम यूनिट की जांच व संभावना पर काम किया था। इसके परिणाम स्वरूप ड्रामे का पटाक्षेप करके जिंदा व्यापारी राममेहर को धरदबोचा।
वारदात स्थल के पास मिली थी नये नंबर की लोकेशन
साइबर सैल की मदद से व्यापारी राममेहर की कॉल डिटेल्स खंगाली गई थी। इस दौरान एक महिला मित्र का नंबर ट्रेस हुआ था। वारदात से लेकर पहले छह दिन तक उस नंबर से व्यापारी के फोन पर कम बात हुई थी लेकिन अचानक एक नये नंबर पर ज्यादा बातें होने लगी थी। इस नये नंबर की कॉल डिटेल्स खंगाली तो इसकी लोकेशन भी वारदात स्थल के पास मिली थी, जहां व्यापारी के फोन की लोकेशन आई थी। तब पुलिस ने महिला को काबू करके पूछताछ कि तो उसने सच्चाई उगल दी। इसके बाद राममेहर तक पुलिस पहुंची।