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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के बाद चीन भारत के साथ सीमा विवाद को इस तरह खड़ा कर रहा है, मानों यह किसी ‘अभियान’ के तहत किया जा रहा है। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पांच महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी है।
रक्षा मंत्री ने 44 पुलों का उद्धाटन करने के बाद एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि भारत सीमा पर स्थिति का न केवल दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि वह सीमावर्ती इलाकों में विकास भी कर रहा है।
सिंह ने कहा, ‘आप हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर बनाई गई स्थिति से परिचित हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन, ऐसा लगता है कि एक अभियान के तहत सीमा विवाद पैदा किए गए हैं।
इन देशों के साथ हमारी करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमा है, जहां तनाव जारी है। राजनाथ सिंह ने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बनाए गए 44 पुलों को सोमवार को राष्ट्र को समर्पित किया। ऑनलाइन कार्यक्रम में पुलों का उद्घाटन करते हुए सिंह ने अपने संक्षिप्त संबोधन में पाकिस्तान और चीन से लगती भारत की सीमा पर स्थिति का हवाला दिया। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरंदेश नेतृत्व के अंतर्गत, भारत इन संकटों का न केवल मजबूती से सामना कर रहा है, बल्कि इन सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इन 44 पुलों में से अधिकतर रणनीतिक तौर पर अहम इलाकों में हैं और ये तेजी से सैनिकों और हथियारों की आवाजाही सुनिश्चित करने में सैन्य बलों की मदद करेंगे। इनमें से सात पुल लद्दाख में हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बल के कर्मी उन इलाकों में बड़ी संख्या में तैनात हैं जहां सालभर परिवहन उपलब्ध नहीं रहता है।’ उन्होंने रेखांकित किया कि सीमा अवसंरचना में सुधार से सशस्त्र बलों को काफी मदद मिलेगी।