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हिसार के बाल सुधार गृह में बीते दिन सुपरिंटेंडेंट और दो सुरक्षाकर्मियों पर हमला करके भागे 17 बाल कैदियों में से 7 को मंगलवार को फिर से पकड़ लिया गया है। इससे पहले रातभर गहन सर्च अभियान चला। फिलहाल हत्या और रेप जैसे संगीन मामलों में सजा काट रहे इन हमलावर कैदियों से पूछताछ का क्रम जारी है। उधर, जेल ब्रेक की घटना में घायल हुए मेन गेट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी चंद्रकांत और तलविंद्र को सिर पर गहरी चोट आने के चलते सिविल अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इसी बीची मंगलवार दोपहर डीसी प्रियंका सोनी बाल सुधार गृह का मुआयना करने पहुंचीं।
घटना सोमवार देर शाम करीब साढ़े 6 बजे की है। मिली जानकारी के अनुसार बाल बंदियों को भोजन के लिए बाहर निकाला गया। कर्मचारी खाना परोसने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान पहले से ही प्लानिंग करके बैठे बाल कैदियों ने अंदर बैठे सुपरिटेंडेंट के सिर पर हमला कर दिया। वह कुछ समझ पाता, उससे पहले ही धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और जेल के मुख्य गेट की तरफ भाग निकले। गेट पर तैनात पुलिस के दो जवानों ने कैदियों को रोकने का प्रयास किया तो दोनों के बीच सात से दस मिनट तक हाथापाई हुई और डंडे चले। कैदियों की संख्या अधिक होने के कारण दोनों जवान घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। सुरक्षाकर्मी चंद्रकांत और तलविंद्र को सिर पर गहरी चोट आई है।

भागने वाले कैदियों में अधिकतर रोहतक और झज्जर जिलों के बताए जा रहे हैं, जो हत्या और मारपीट जैसे केस में सजा काट रहे थे। जेल से निकलकर सभी कैदी हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम (एचएलआरडीसी) के जंगलों की तरफ भाग निकले। पता चला है कि बाल बंदियों ने यहां बैरक में लकड़ी की खिड़की और अलमारी को तोड़कर कीलयुक्त हथियार तैयार किए थे।
रातभर चलती रही छानबीन
जैसे ही कैदियों के भागने की सूचना हिसार पुलिस को मिली, तुरंत पूरे जिले और साथ लगते जिलों में सूचना भेज दी गई। हिसार में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी इन 17 कैदियों की तलाश में लगा दिए गए। जंगलों में भी पुलिस का एक दल भेजा गया, वहीं जिले के सभी नाके एक्टिव कर दिए। रातभर की जद्दोजहद के बाद मंगलवार को 7 बाल बंदियों को पकड़ भी लिया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही आज दोपहर खुद डीसी प्रियंका सोनी बाल सुधार गृह का मुआयना करने पहुंचीं।
जेल प्रशासन ने नहीं लिया सवा 3 साल पुरानी इस घटना से सबक
ध्यान रहे, इससे पहले 12 जून 2017 को बाल सुधार गृह से छह कैदी फरार हो गए थे। इसमें से कुछ कैदी हत्या जैसी सहित संगीन वारदात में भी शामिल रहे थे। उस समय भी कैदी रास्ते में बाइक छीनकर भागे थे और कार छीनने का भी प्रयास किया था। खास बात यह है कि कैदियों ने भागने के लिए शाम के भोजन के समय को ही चुना था। अगर जेल प्रशासन ने इससे सब लिया होता तो सोमवार को शाम के खाने के समय फिर से वही वारदात दोहराए जाने से शायद रुक जाती।