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हरियाणा के उन जेबीटी शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से जेबीटी यानी डीएड की परीक्षा पास की है। पूर्व की हुड्डा सरकार में भर्ती हुए इन शिक्षकों की ज्वाइनिंग मौजूदा सरकार ने 2016 में करवाई थी। राज्य के 17 जिलों के 72 से अधिक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है। मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस बाबत इन जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं।
दरअसल, हुड्डा सरकार के समय हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 9500 से अधिक जेबीटी शिक्षकों के पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। विज्ञापन क्रमांक: 2/2012 के तहत जिन उम्मीदवारों का चयन जम्मू-कश्मीर की डीएड के आधार पर हुआ है, उन्हें अब सरकार हटाएगी। उस समय आयोग ने उन उम्मीदवारों का भी जेबीटी शिक्षक के तौर पर चयन कर दिया था, जिनके डीएड के नतीजे नहीं आए थे। इनमें अधिकांश वे मामले थे, जिनमें डीएड के नतीजे तो बाद में आए, लेकिन उम्मीदवारों ने जेबीटी भर्ती के लिए पहले ही अप्लाई कर दिया। इसी को देखते हुए अब विभाग ने 17 जिलों – अम्बाला, भिवानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर और मेवात के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है।
ये लिखा है पत्र में
निदेशालय से भेजे गए पत्र में साफ कहा गया है कि जिन उम्मीदवारों का चयन जम्मू-कश्मीर से डीएड के डिप्लोमा के आधार पर हुआ है और डीएड सर्टिफिकेट आवेदन की तिथि यानी 8 दिसंबर, 2012 के बाद का है, उनक पात्रता रद्द की जाए। ऐसे में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ऐसे जितने भी उम्मीदवारों का चयन किया है, अब उन सभी की नौकरी जाएगी। सितंबर-2014 में हुड्डा सरकार के समय घोषित किए गए इस भर्ती के नतीजों में वेटिंग सूची वालों का अब नंबर लगेगा।
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