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इस वर्ष ला नीना की स्थिति के कारण कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। यह जानकारी बधुवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने दी। उन्होंने कहा कि यह नहीं समझना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से तापमान में बढ़ोतरी होती है, बल्कि इसके विपरीत इसके कारण मौसम अनियमित हो जाता है। महापात्र ने कहा, ‘चूंकि ला नीना की स्थिति कमजोर है, इसलिए हम इस वर्ष ज्यादा ठंड की उम्मीद कर सकते हैं। अगर शीत लहर की स्थिति के लिए बड़े कारक पर विचार करें तो अल नीनो और ला नीना बड़ी भूमिका निभाते हैं।’
वह एनडीएमए की तरफ से ‘शीत लहर के खतरे में कमी’ पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘शीत लहर की स्थिति के लिए ला नीना अनुकूल होता है, जबकि अल नीनो की स्थिति इसके लिए सहायक नहीं होती।’ महापात्र ने कहा कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार उन राज्यों में शामिल है, जहां शीतलहर के कारण काफी संख्या में मौतें होती हैं। आईएमडी हर वर्ष नवंबर में शीत लहर का पूर्वानुमान भी जारी करता है जिसमें दिसंबर से फरवरी के दौरान शीत लहर की स्थिति की जानकारी दी जाती है।
अत्याधुनिक वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली शुरू
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी के लिये एक अत्याधुनिक ‘हाई-रिजोल्युशन’ वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली शुरू की है। वहीं, देश के लिये एक अलग वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली को और बेहतर बनाया गया है।