बैग न्यूज़ – हरियाणा

बरोदा विधानसभा उपचुनाव का रण आए दिन रोचक होता जा रहा है। शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन प्रमुख पार्टियों भाजपा-जजपा गठबंधन से पहलवान योगेश्वर दत्त ने दावा प्रस्तुत किया है। इनेलो ने एक बार फिर जोगिंद्र मलिक पर दांव खेला है, वहीं कांग्रेस में गुटबाजी के बीच इंदुराज नरवाल को मौका मिला है।
इसके अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का समर्थन प्राप्त होते हुए भाजपा छोड़ कांग्रेस में टिकट की आस लगाए बैठे डॉ. कपूर नरवाल ने निर्दलीय उतरने का फैसला किया और अपना नामांकन पत्र भर दिया है। हालांकि, बाद में उस वक्त माहौल थोड़ा तनावपूर्ण भी हो गया, जब डॉ. कपूर के समर्थक नामांकन भरवाने साथ आए बलराज कुंडू के खिलाफ हंगामे पर उतर आए।

ध्यान रहे कि कांग्रेस ने बड़ी माथापच्ची के बाद ही इंदुराज नरवाल उर्फ भालू को टिकट दिया है। कांग्रेस ने बेशक ही इस बार एक नए चेहरे पर दांव खेला हो, लेकिन इंदुराज नरवाल कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता होने के साथ दीपेंद्र हुड्डा के काफी करीबी माने जाते हैं। एक तरह से कांग्रेस का जिला पार्षद रह चुके इंदुराज को टिकट देना हुड्डा को टिकट देने के बराबर समझा जा रहा है।
अगर भाजपा की बात करें तो पार्टी ने विधानसभा के आम चुनाव में बरोदा विधानसभा सीट पर पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट दी थी, तब योगेश्वर कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीकृष्ण हुड्डा के मुकाबले हार गए थे। अब उन्हीं को दोबारा मौका दिया गया है। वह भाजपा-जजपा गठबंध के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। दूसरी ओर इसी तरह इनेलो ने आम चुनाव में मुकाबले में रहे जोगिंद्र मलिक को मैदान में उतारा है।

अब इस सबके बीच मामला उस वक्त रोचक हो गया, जब इनेलो छोड़कर भाजपा में आए डॉ. कपूर नरवाल को कांग्रेस से टिकट मिलने के कयास धरे-धराए रह गए और उन्होंने बतौर निर्दलीय ताल ठोंक दी। पिछले कुछ महीनों से प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बने महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू नामांकन पत्र भरवाने के वक्त कपूर के साथ दिखाई दिए।
इसलिए गड़बड़ाया माहौल
कुछ ही देर बाद माहौल इसके उलट होता नजर आया। बताया जा रहा है कि जैसे ही कपूर नामांकन भरकर ऑफिस से निकले, उसी दौरान कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज भी आ गए। उनके साथ मौजूद गांव के ही कुछ लोगों ने बलराज कुंडू और डॉ. कपूर नरवाल के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।
गुस्साए समर्थकों का कहना था कि उन्होंने कपूर नरवाल का बहुत साथ दिया, पर अब जब उनके अपने गांव के व्यक्ति को और नरवाल गौत्र से ही पार्टी का टिकट मिला है तो डॉ. कपूर को बलराज कुंडू के बहकाबे में आकर निर्दलीय नामांकन नहींं भरना चाहिए था। हारना तो तो उन्हें पहले भी था, पर अब तो वह पक्का हारेंगे।