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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मैसूर यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान पीएम ने कहा कि देश के युवाओं को और ज्यादा कॉम्पीटेटिव बनाने के लिए मल्टीडायमेंशनल अप्रोच पर फोकस किया जा रहा है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे एजुकेशन सेट अप में फंडामेंटल चेंज लाने वाला बड़ा अभियान है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते 5-6 साल ये निरंतर प्रयास हुआ कि हमारी शिक्षा छात्रों को 21वीं की सदी की आवश्यकताओं के बीच आगे बढ़ने में और मदद करे। खासतौर पर उच्च शिक्षा में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से लेकर स्ट्रक्चरल रिफॉर्म पर बहुत ध्यान दिया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटक के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह आज इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ” 19 अक्टूबर को सुबह 11:15 बजे, मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मैसूर यूनिवर्सिटी के शताब्दी सम्मेलन को संबोधित करूंगा।
1916 में हुई थी यूनिवर्सिटी की स्थापना
मैसूर यूनिवर्सिटी की स्थापना 1916 में हुई थी और यह कर्नाटक का पहला विश्वविद्यालय होने के साथ ही देश का छठा विश्वविद्यालय भी था। वहीं, पीएमओ ने शनिवार को एक बयान में बताया था कि समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल, अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ सिंडिकेट के सदस्य और अकादमिक परिषद के सदस्य, सांसद, विधायक, एमएलसी, वैधानिक अधिकारी, जिला अधिकारी मौजूद रहेंगे।