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ये जानना ज़रूरी है कि माइग्रेन का दर्द बाकी सिर दर्द से कैसे अलग है.
यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें.बैग न्यूज आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.
तो चलिए डॉक्टर्स से जानते हैं कि माइग्रेन आख़िर होता क्या है, आपको कैसे पता चलेगा कि आपको सिर्फ़ सिर दर्द हो रहा है या माइग्रेन का अटैक पड़ रहा है. और सबसे ज़रूरी, इसका इलाज.
क्या और क्यों होता है माईग्रेन?
माइग्रेन एक प्रकार का सिर दर्द है. इसकी इंटेंसिटी अलग-अलग होती है. आम भाषा में समझें तो तेज़ सिर दर्द, जो कंट्रोल नहीं हो पता है.ये दर्द कई बार कुछ घंटों में खत्म हो जाता है और कई बार कई दिनों तक जारी रहता है. ये भी एक सिरदर्द ही है, ऐसे में इसमें और नॉर्मल सिरदर्द में फर्क करना आम लोगों के लिए मुश्किल होता है. माइग्रेन में सीटी स्कैन या एमआरआई की रिपोर्ट भी नॉर्मल आती है. आम सिरदर्द में जहां केवल सिर में दर्द होता है, वहीं माइग्रेन के दर्द के साथ कुछ और लक्षण भी दिखाई देते हैं. इन्हीं लक्षणों के आधार पर डॉक्टर माइग्रेन की पहचान करते हैं.
माइग्रेन के लक्षण क्या हैं?
– माइग्रेन का दर्द ज़्यादातर सिर के एक हिस्से में होता है. पर ज़रूरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो. कई बार ये केवल आंखों के चारों तरफ़ हो सकता है. कई बार कान की तरफ़ हो सकता है. सिर के ऊपर के हिस्से में भी हो सकता है.
– माइग्रेन में पल्सेटिंग, थ्रॉबिंग पेन उठता है. दर्द में ऐसा महसूस होता है जैसे पल्स चल रही है. नसें तेज़ी से फड़क रही हैं.
– कई बार मोटी-मोटी नसें दिखाई देती हैं.
– आंखों के आगे धुंधलापन आ जाता है.
– उल्टी का मन करता है. उल्टियां होती हैं.
– कान में सेंसिटिविटी बढ़ जाती है.
– बेचैनी, घबराहट होने लगती है.

माईग्रेन क्यों होता है?
– अगर एक परिवार में किसी को है, तो बच्चों में भी होने के चांसेज़ होते हैं.
– ट्रिगर होने के कई कारण हैं. जैसे तेज़ आवाज़, तेज़ रोशनी, परफ़्यूम, भूख
– ज़्यादा नीली रोशनी देखना. जैसे टीवी, मोबाइल लंबे टाइम तक देखना
– देर तक जागना
– खाना नहीं खाना

माइग्रेन का इलाज क्या है?
माइग्रेन के इलाज में दो चीज़ें ज़रूरी हैं. दवाई और दूसरा उसकी रोकथाम.
क्या दवाइयां दी जाती हैं?
माइग्रेन के इलाज में डॉक्टर्स की दो प्रकार की दवाएं देते हैं.
– दर्द निवारक गोलियां. ये तब दी जाती हैं जब पेशेंट को सिर में दर्द हो.
– प्रॉफिलैक्टिक ड्रग्स. ये दवाएं माइग्रेन को रोकने का काम करती हैं. इनके इस्तेमाल से मरीज को दर्द की दवा की कम से कम जरूरत पड़ती है.
अगर माइग्रेन है तो रोकथाम के लिए क्या करें?
– माइग्रेन से बचने की चाभी लाइफ स्टाइल है, टाइम पर खाना-पीना, सोना-उठना
– योग, एक्सरसाइज़ करें.
– किसी भी प्रकार के नशे से बचें.
– तेज़ धूप में जाना ही है तो चश्मे, कैप, और छाता का इस्तेमाल करना चाहिए.
तो इन बातों का ध्यान रखिए. और अगली बार ऐसा सिर दर्द उठे तो थोड़ा सतर्क हो जाइए.
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