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यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. बैग न्यूज आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता. उम्र के साथ हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं. ये तो बहुत बार सुना है. हड्डियों को मज़बूत रखने के लिए कैल्शियम, दूध वगैरह लेना चाहिए. ये भी अनगिनत बार सुना है. पर ये हड्डियां कमज़ोर पड़ती क्यों है? जोड़ों में दर्द क्यों होता है?
उम्र के साथ क्यों कमज़ोर होती हैं हड्डियां?
उम्र के साथ शरीर में बदलाव आते हैं. आपकी मांसपेशियां, हड्डियां, जॉइंट्स इन सबमें उम्र के साथ बदलाव आएगा ही. हमारी जो हड्डियां हैं न, ये एक लिविंग टिश्यू है यानी जीवित है. इसकी एक बनावट भी है. पर समय के साथ इसकी बनावट में आ जाता है फ़र्क. हड्डियां जिस टिश्यू की बनी होती हैं, उसकी क्वॉलिटी में उम्र बढ़ने के साथ गिरावट आ जाती है. लो क्वॉलिटी मतलब हड्डियां कमज़ोर. ज़रा सी चोट में फ्रैक्चर का डर. इनके कमज़ोर होने के पीछे कुछ वजहें भी हैं:
– आपकी लाइफस्टाइल. जैसे एक्सरसाइज की कमी. ज़्यादा चलना-फिरना नहीं
– औरतों में मेनोपॉज एक बड़ी वजह है. यानी जब आपके पीरियड्स होने बंद हो जाए. मेनोपॉज की वजह से हड्डीयां जिस टिश्यू से बनी होती हैं, उनसे मिनरल गायब होने लगते हैं. मिनरल बोले तो वो चीज़ जो आपकी हड्डियों को मज़बूत रखता है. सख्त रखता है. कैल्शियम भी एक तरह का मिनरल ही है.

-आदमियों में उम्र के साथ सेक्स हॉर्मोन्स में कमी आती है. इसकी वजह से हड्डियां कमज़ोर होती हैं. [हॉर्मोन्स एक तरह के केमिकल होते हैं. जो आपके शरीर में बनते हैं. इन्हें एक तरह का दूत समझिए. जो शरीर के एक जगह से दूसरी जगह मैसेज लेकर जाते हैं. आपके अंग इनका कहना मानते हैं. फिर वो करते हैं जो ये हॉर्मोन्स करवाते हैं.]
-ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों की बीमारी होने लगती है. इसमें हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं. आसानी से टूट सकती हैं.
इस बारे में हमने और तफ़सील से बात की डॉक्टर दिनेश लिम्बचिया से. हड्डियों के डॉक्टर हैं. उन्होंने बताया कि हड्डी से जुड़ी दो तरह की दिक्कतें ज्यादा होती हैं:
-ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों में दर्द और जकड़न पैदा करने वाली बीमारी)
-ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमज़ोर हो जाना)
ऑस्टियोपोरोसिस
-उम्र के साथ पाचन क्षमता कम हो जाती है, मेटाबोलिज्म में फर्क पड़ता है. उसके कारण हड्डियों के हेल्थ के लिए ज़रूरी कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा शरीर में कम होती जाती है. असर हड्डियों पर पड़ता है. उसकी वजह से ज़रा सी चोट में भी फ्रैक्चर हो सकता है.
-औरतों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव
-थाइरॉयड, डाईबीटीज़ हड्डियों को कमज़ोर कर सकता है
-शराब, तंबाकू हड्डियों को कमज़ोर करते हैं

ऑस्टियोआर्थराइटिस
– घुटने के जोड़ में होता है सबसे ज़्यादा. दो जोड़ों के ऊपर एक गादी होती है. हड्डियों के मूवमेंट के दौरान हड्डियों को आपस में घिसने से बचाती है. बड़ी उम्र में गादी घिस जाती है, उसपर सूजन आ जाती है. नतीजा जोड़ों में हड्डियां आपस में घिसती हैं, दर्द होता है.
यहां तो हुई बात कि आपकी हड्डियां क्यों कमज़ोर होने लगती हैं. पर हालात बद से बदतर न हों, इसके लिए कुछ हो सकता है क्या? ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर गुरिंदर बेदी से. साथ ही ये भी जानने की कोशिश की कि अगर आपको हड्डियों और जोड़ों की परेशानी है, तब क्या करें?
हड्डियां और जोड़ों की हेल्दी रखने की प्रक्रिया बचपन में शुरू हो जाती है. ज़िंदगी के शुरुआती 30 से 40 साल बहुत ज़रूरी हैं. ताकि शरीर की लचक बनी रहे. हड्डियों की ताकत बनी रहे. इस समय जितनी एक्सरसाइज कर सकते हैं, चल-फिर सकते हैं, वो करें. 40 के बाद हड्डियों की ताकत बढ़ाना मुश्किल है. फिर आप सिर्फ़ हड्डियों की मेंटेनेंस कर सकते हैं. हड्डियों की ताकत बढ़ाकर रखने के लिए सीढ़ियां चढ़िए, लिफ्ट मत लीजिए. कोशिश करिए 3-4 किलोमीटर आप चलें.
– नियमित रूप से प्रोटीन अपने खाने में ज़रूर लीजिए (चना, राजमा, डाल, पनीर, मटर, चिकन, मछली)
-कैल्शियम (दूध, पनीर, दही, दूध से बनी चीज़ें)
– सुबह की धूप जरूर लीजिए, धूप से विटामिन डी मिलेगा
-दिन में कम से कम एक बार आप योग कर लें
तो डॉक्टर साहब ने जो उपाय बताएं हैं वो आजमाइए. असर दिखेगा.