बैग न्यूज – अंबाला

भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानाें की कृषि कानूनों के विराेध में और नारायणगढ़ में किसानों पर दर्ज हत्या के केस के खिलाफ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने की योजना थी। इसके लिए भारी संख्या में पुलिस कर्मी व और खुफिया तंत्र मुस्तैद था। किसानों ने प्रशासन को चकमा देते हुए गांव लखनाैर साहिब और माजरी के बीच बिजली पावर हाउस के पास खेताें में प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी व मुख्यमंत्री हरियाणा मनाेहर लाल खट्टर का पुतला फूंका। किसानाें ने पुतला फूंकने के दाैरान पुलिस काे भी घेरा बनाकर राेक लिया ताकि पुलिस आगे न बढ़ सके।
पुतला फूंकते ही किसान खेत में प्रदर्शन करने के दाैरान नाचने लगे। इस दाैरान भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसानाें का आंदाेलन तब तक ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा, जब तक किसान नेताओं पर दर्ज झूठा हत्या मुकदमा और काले कृषि कानून वापस नहीं हाे जाते। 29 अक्टूबर काे शाहपुर नई अनाज मंडी में आर-पार की लड़ाई हाेगी।
कृषि बिलाें के विराेध में किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी का पुतला न जला सके, इसके लिए पुलिस प्रशासन अाैर खुफिया तंत्र रात से ही अलर्ट था। पुलिस न केवल शिअद जिला प्रधान हरकेश सिंह माेहड़ी काे गिरफ्तार किया, बल्कि पुतला कहां बनाकर रखा गया है, इसकी भी रात से सुबह तक तलाश करती रही। मगर किसानाें ने पुलिस काे चकमा दे दिया। लखनाैर साहिब में तैनात भारी पुलिस बल के इरादे भांप पहले ताे कुछ किसान गांव जलबेड़ा में एकत्रित हुए।
वहां किसानाें ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की फाेटाे लगा एक 10 फीट का पुतला जला दिया। इसके बाद किसान 12.30 बजे दाेपहर में लखनाैर साहिब माेड़ पर पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस प्रशासन किसानाें के पहुंचते ही अलर्ट हाे गया। किसान जब पुतला जलाने के निर्धारित स्थल मिर्जापुर माेड़ के पास गन्ने की तुलाई के लिए कंडे की जगह पहुंचे ताे वहां डीएसपी रामकुमार, डीएसपी मनीष सहगल और पुलिस बल तैनात था। किसान यहां रुकने की बजाए कुछ दूरी पर माजरी के पास बने बिजली पावर हाउस के पास खेताें में उतर गए। पहले ताे किसान पुलिस काे यह कहकर चकमा देते रहे कि ईख के खेत में पुतला निकालकर जलाया जाएगा। पुलिस सड़क पर खड़ी हाेकर देखती रही।
कुछ देर के लिए डीएसपी रामकुमार भी खेत में उतरे, मगर तभी दाेपहर 1.20 पर किसान गांव माजरी की तरफ ट्राॅली काे खेत में ले आए। जिसमें से अफरा-तफरी में पुलिस के सामने ही मुख्यमंत्री मनाेहर लाल की फाेटाे लगे पुतले काे निकालकर फूंक दिया। पुतला जलते ही जैसे ही पुलिस माैके से चली गई ताे तभी भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी, भाकियू के जिला उपप्रधान गुलाब सिंह मानकपुर और अमरजीत सिंह माेहड़ी खेत में नारेबाजी करते हुए आए। उनके आगे माजरी की तरफ से एक गाड़ी ताे गन्ने के कंडे पर तेजी से चली गई। सभी समझते रहे कि गाड़ी में पुतला निकालकर फूंका जाएगा। तभी गाड़ी में रखा छाेटा पुतला किसानाें ने निकाला ताे पुलिस के साथ पुतला जलाने काे लेकर खींचतान हाे गई। मगर किसानाें ने पुलिस से पुतले के कुछ हिस्से काे छीन आग लगा दी। इसी बीच माजरी की तरफ से ही ट्राॅली में पुतला छुपाकर लगाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की फाेटाे लगे रावण रूपी पुतले काे खड़ा कर गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने तेल छिड़ककर आग लगाई। तब तक पुलिस वहां से जा चुकी थी।