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हरियाणा में डॉक्टरी की पढ़ाई अब महंगी हो गई है। राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और पीजी कोर्स के लिए तय फीस में इजाफा किया है। अब हर साल 10 लाख रुपये का बाॅन्ड भी भरना होगा। हालांकि इतने ही पैसे का सरकार लोन दिलवाएगी। लोन की गारंटी सरकार लेगी।
पिछले दिनों ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संदर्भ में एक प्रस्ताव बनाकर सीएमओ को भेजा गया था। सीएमओ की मुहर के बाद अब चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग ने इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एबीबीएस के प्रथम वर्ष के लिए 80 हजार रुपये फीस तय की गई है और इसमें हर वर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। यानी दूसरे साल में 88 हजार, तीसरे में 96 हजार 800 और चौथे वर्ष में 1 लाख साढ़े 6 हजार के करीब विद्यार्थियों को देने होंगे। इसी तरह से पीजी कोर्स के लिए भी फीस बढ़ोतरी लागू होगी, जो अगले सत्र से लागू मानी जाएगी। अप्रवासी भारतीय को एमबीबीएस कोर्स के लिए एक मुश्त सवा लाख अमेरिकी डालर देने होंगे। पीजी कोर्स के लिए भारतीय विद्यार्थियों को पहले साल सवा लाख रुपये, दूसरे साल डेढ़ लाख रुपये और तीसरे साल 1.75 लाख रुपये की फीस देनी होगी। एमबीबीएस विद्यार्थियों को हर साल दस लाख रुपये का बाॅन्ड भी भरना होगा। विद्यार्थियों के लिए विकल्प दिया गया है कि वह चाहें तो खुद के बूते यह फीस चुका सकते हैं या फिर सरकार की मदद से ऋण ले सकते हैं। अभी तक सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस के विद्यार्थियों से करीब 53 हजार रुपये वार्षिक फीस ली जाती है। सरकार का दावा है कि हरियाणा में पहले से ही काफी कम फीस थी। पड़ोसी राज्य पंजाब में इस बढ़ोतरी के बाद भी हरियाणा से अधिक फीस है।
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